जो रोया
सो आँसुओं के दलदल में
धँस गया,
और कहते हैं
जो हँस गया वो फँस गया।
अगर फँस गया
तो मुहावरा आगे बढ़ता है
कि जो हँस गया,
उसका घर बस गया।
मुहावरा फिर आगे बढ़ता है
जिसका घर बस गया,
वो फँस गया!
और जो फँस गया,
वो आँसुओं के दलदल में
धँस गया!!
-अशोक चक्रधर
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