भारत के पहले मानवरहित चंद्रयान-1 से मून इंपैक्ट प्रोव के चंद्रमा की धतरी पर उतर कर भारतीय राष्ट्रध्वज स्थापित करने के साथ ही चंद्रमा पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला भारत चौथा देश बन गया है।
अमेरिका, पूर्ववर्ती सोवियत संघ तथा यूरोपीय संघ की कतार में भारत को खड़ा करते हुए 35 किलोग्राम के मून इंपैक्ट प्रोब ने चंद्रमा की धतरी पर आठ बजकर 31 मिनट पर कदम रखा। इससे 25 मिनट पूर्व प्रोव का उपकरण उपग्रह पर उतरा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो इसे शानदार आपरेशन करार दिया है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन और बाल दिवस के मौके पर चंद्रयान ने भारतीय राष्ट्रध्वज के प्रारूप को चंद्रमा की धरती पर स्थापित किया।
अभियान की सफलता से अभिभूत इसरो के अध्यक्ष जी माधवन नायर ने इस ऐतिहासिक मौके पर कहा कि हमने चंद्रमा की सतह पर तिरंगे को सफलतापूर्वक पहुंचा दिया है। हमने वैज्ञानिक उपकरण मून इंपैक्ट प्रोब [एमआईपी] को चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में शाकेल्टन गढ्डे के पास ठीक उसी जगह के लिए छोड़ दिया है जहां इसे पहुंचाना था। यह क्षेत्र चारों ओर से पहाड से घिरा हुआ है। अब एमआईपी पर लगे कैमरे तस्वीरें ले रहे हैं। अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 इस समय चांद के पीछे है। दो घंटे बाद यह पृथ्वी क ी तरफ आ जाएगा और एमआईपी से खींची गई तस्वीरें यह पृथ्वी पर भेजने लगेगा।
चंद्रयान की सफलता से अभिभूत डा. कलाम ने कहा यह मेरे लिए अद्भुत अनुभव है। यह युवा पीढ़ी के लिए बड़ा प्रेरणा स्रोत है। अब वे चांद को छूने का सपना देख सकते हैं। डा कलाम ने इसरो के सभी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों को खास तौर पर बधाई दी। इस अवसर पर डा. नायर ने बताया कि चंद्रमा पर भेजे जाने वाले दूसरे भारतीय अभियान चंद्रयान-2 का नाम आदित्य. होगा।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति पतिभा पाटिल ने चंद्रमा पर खोज करने वाले वैज्ञानिक उपकरण को सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर पहुंचाने के लिए इसरो के बधाई दी है। राष्ट्रपति ने इसरो के वैज्ञानिकों को भेजे संदेश में कहा है कि इससे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में नए युग की शुरुआत हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चंद्रमा की सतह पर एमआईपी के जरिये तिरंगा पहुंचने को देश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए इससे जुडे़ सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है। गांधी ने अपने बधाई संदेश में कहा कि इस शानदार उपलब्धि के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
Saturday, November 15, 2008
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2 comments:
जब चाँद पर हवा नहीं है तो तिरंगा कैसे लहरायेगा?
शब्दार्थ नहीं बल्कि भावार्थ को समझें तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन आप जैसे लोग सिर्फ उस तिलचट्टे जैसी सोच रखते हैं...
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