जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में प्रकृति की गोद में अरावली पर्वत श्रंखला पर१००० एकड़ क्षेत्र मे अवस्थित है। इसकी स्थापना १९६९ ई० में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरूके नाम पर हुई। यहाँ १३
संस्थानो- - कला एवं सौन्दर्यबोध संस्थान
- जैवप्रौद्योगोकी संस्थान
- संगणक एवं पद्यति विज्ञान संस्थान
- पर्यावरण विज्ञान संस्थान
- सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान
- अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान
- भाषा साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान
- जीव विज्ञान संस्थान
- भौतिक विज्ञान संस्थान
- सामाजिक विज्ञान संस्थान
- विशिष्ट परमाण्विक औषधि केन्द्र
- विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र और
- विधि और शासन अध्ययन केन्द्र
मे लगभग ५००० छात्र एवं छात्राएँ विभिन्न पाठ्यक्रम स्नातक से पी० एच० डी० तक मे अध्ययनरत हैं। स्नातक की पढ़ाई सिर्फ़ विदेशी भाषा में भाषा साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संसथान में ही होती है शेष संस्थानों में परास्नातक एवं उससे आगे के पाठ्यक्रम हैं। यहाँ एक केंद्रीय पुस्तकालय है जिसमे विभिन्न विषयों के ५.४५ लाख पुस्तको का संग्रह है। पुस्तकालय ९६५ पत्रिका का नियमित सदस्य है और १४८ पत्रिका उपहारस्वरूप या आदान-प्रदान के जरिये आती है। इसके अत्याधुनिक वातानुकूलित साइबर पुस्तकालय मे १५३ संगणक यन्त्र इन्टरनेट सुविधा के साथ उपलब्ध है और अंधे छात्रों के लिए विशेष सुविधा है।
यह एक आवासीय परिसर है। छात्रों के रहने के लिए १६ छात्रावास - गंगा, झेलम, सतलज, यमुना, पेरियार, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, साबरमती, ताप्ती, माही, मांडवी, लोहित, चंद्रभागा, ब्रहमपुत्र एवं महानदी - चार भाग उत्तराखंड, दक्षिनापुरम, पस्चिमाबाद और पूर्वांचल मे विभाजित है एवं एक नए छात्रावास कोयना का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
प्रो० यशपाल और
प्रो० बी० बी० भट्टाचार्य यहाँ के कुलपति एवं उपकुलपति हैं। यहाँ के विद्यार्थी पढ़ाई ही नही बल्कि राजनीति में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ सर्वश्रेष्ठ छात्र संघो में एक है। यहाँ कई छात्र राजनितिक संगठन हैं जिनमे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया (NSUI), आल इंडिया स्टुडेंट असोसिएशन (AISA), स्टुडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI), आल इंडिया स्टुडेंट फेडरेशन (AISF), बहुजन स्टुडेंट फ्रंट (BSF) इत्यादि। छात्र संघ का चुनाव प्रति वर्ष अक्टूबर या नवम्बर महीने में होता है। यहाँ बाहुबल की नहीं बल्कि सिद्धांतों की राजनीति होती है।
9 comments:
जानकारी के लिए धन्यवाद | मैं सागर यूनिवर्सिटी से पड़ा हूँ उनका कैम्पस ६०० एकड़ में है |
मै तो जीएनयु को भारत विरोधी गतिविधियो के केंन्द्र के रुप मे जानता था। एकबार कोई पुरुषोतम अग्रवाल नाम के प्राध्यापक को एनडीटीवी पर देखा-सुना था और एक बार आपके विश्वविद्यालय के ही एक प्राध्यापक को छतिसगढ के नकसलियो के पक्ष मे टीवी पर बोलते देख यह राय बनी। नेपाल के मओवादी नेता बाबुराम भी आपके विश्वविद्यालय की हीं उपज बताए जाते हैं।
शुभकामनायों सहित स्वागत है
आप का ब्लॉग-संसार में स्वागत है....
plz ye word verification hata le...
ब्लागजगत में आपका स्वागत है।
हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री (www.Sarathi.info)
एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.
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बस हो गया काम !!
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
तरीका महाचिट्ठाकार शास्त्री जी ने बता ही दिया है हटाने का.
संग से टकराती लहरें वजूद वे खोती नहीं
हिम्मत ह्रदय में हो अगर कठिनाइयां होती नहीं
हो अगर उददेश्य कि ऊंचाईयां पाना सदा
दूसरों को साथ लेकर शिखर पर चढ़ते चलो
आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है
फुर्सत निकाल कर मेरे ब्लॉग पर दस्तक दें
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