Holi is a festival not only of colour but also joy, happiness and prosperity. Villagers cut their crops. There are several stories behind it. But the story of Prahlad is very famous.
According to this story Hiranyakashyap, father of Prahlad, was a monster hated Lord Vishnu but Prahlad worshiped. He tried various mode to kill his son but could not succeeded. At last his sister Holika told to set fire putting Prahlad in his lap because she was blesssed will not been in fire but she burnt.
Holi also reflax victory of goodness on badness, victory of truth over false and give us moral that never become week infront of anti social elements.
Now coming to the Holi of JNU which is one of the memorable day of my life. Here students of Jhelum Hostel organised Chat Mahasammelan on the eve of Holi where students of Tapti Hostel come with barat (procession) on donkey in Jhelum Lawn where people have fun till late night. Some pamphlet and poster also been circulated regarding it. I am giving here some of them -
चाट निमंत्रण
जेएनयू के समस्त चाट छात्र छात्राओं, चाताध्यापकों, कर्मचारियों और महा-चाट kulpati महोदय कि सेवा में झेलम चाटों का चाटप्रणाम अ-निवेदित है. जैसा कि आप सब को विदित है हर वर्ष कि इस वर्ष भी ludhakate पुढ़कते उछलते-कूदते फागुन का मौसम हमारे सामने आ खडा हुआ है.. और बावजूद इस बात के कि लम्पट मार-उफवा जेएनयू ही क्या दुनिया पर भार समान भारत कुमार के साथ भाग( भैया इनके बीच पुराना DOSTAANA था) खडा हुआ है और कड़ा देव केडिया, जैसे तमाम चाट जिंदगी के समर में खेत हो गए हैं, झेलम परिवार चाट सम्मलेन कि महान परंपरा को जिन्दा रखने, और लगातार और बेहतर बनाते जाने के लिए कृतसंकल्प है..
तो चाटों और चटनियों..
फिर से अपनी खखोर प्रतिभा का खूंखार प्रदर्शन करने का वक़्त आ गया है..आप सभी अपनी अपनी चाट कला को चाटatva मर्मज्ञ सुधी चाट जनों के सामने प्रदर्शन करने के लिए अनिमंत्रित हैं.
चाटस्थान
झेलम चाट लीला मैदान अर्थात झेलम लॉन
चाट समय
संध्या के तीसरे पहर अर्थात रात्रि के ९ बजे
विशेष..
चाटसभा का अशुभारम्भ दिवंगत पर जेएनयू में ही घूम रही चाट आत्माओं को विनम्र चाट-अंजलि से होगा. न जाने कब से दिवंगत पर जेएनयू के ढाबों पर भटक रही इन चाट-आत्माओं को चाट श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु ठीक चाट समय पर अपना चाटआगमन सुनिश्चित करें..
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चाट मुनादी
खलक खुदा का
मुल्क बादशाह का
हुक्म झेलम चाटाध्यक्ष का
……
हर खासो आम को तामील किया जाता है
की अपने अपने कमरों से बाहर न निकलें
सभी खिड़कियाँ और दरवाजे बंद रख
कोई सडकों पर चलता फिरता नजर ना आये
ढाबों पर अड्डेबाजी बंद कर दें..
क्यूंकि
झेलम चाट अपने खखोर कार्यक्रम पर निकल पड़े हैं ...
चन्द्र-अ-भागा के अभागे बच्चों
लोहित के लुबलुबिये किशोरों
माही-मांडवी के मनचलों
ताप्ती के तरसते लफंगों
साबरमती के शर्मीले संतों
पेरियार के परेशानों
कावेरी के असफल कवियों
नर-मादा के नाजुक नौटंकीबाजों
और सतलज के सठियाये बुड्ढों
सब अपनी खैरियत के खुद जिम्मेदार होगे..
झेलम के चाटों से भरपूर दूरी बना के रखो
किसी के चट जाने की हमारी कोई जिम्मेद्दारी नहीं होगी..
पुनश्च:
झेलम के सभी चाटों को हुक्म दिया जाता है कि ब्रह्मपुत्र के ब्रह्मज्ञानी बुजुर्गों को उनकी उम्र और वंचनाओं का सम्मान करते हुए चाटने से आम-माफ़ी दी जाती है. और यही बात महानदी के बाशिंदों पर भी लागू होगी.. जिंदगी से इतने चटे हुए लोगों को चाटना हमारी गरिमा के अनुकूल नहीं होगा.. इसीलिए कोई झेलमवासी अगर ब्रह्मपुत्र के किसी बुजुर्ग या महानदी के किसी महानुभाव को चाटता पाया गया तो बिना सुनवाई झेलम परिवार और इसकी महान चाट परंपरा से बेदखल कर दिया जायेगा
These kind s of pamphlet has been written every year in a different mood and mode with different intention. Despite all the dispute and ideological differences people plays Holi at same place. There and not only Indians but also foreigners enjoy there. Many of them be under intoxication of hemp. Apart from all pros and cons people enjoy a lot.